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Hardoi News: UPSC में 154 रैंक लाने वाली इशिता को सेंट ज़ेवियर्स स्कूल ने किया सम्मानित
Hardoi News: इशिता गुप्ता ने बताया कि उनकी इस कामयाबी के पीछे सेंट जेवियर स्कूल का बहुत बड़ा योगदान है। यहां उनको अच्छे वातावरण में कुशल शिक्षक शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में शिक्षा प्राप्त हुई।
Hardoi News: हरदोई की रहने वाली इशिता गुप्ता ने यूपीएससी में 154 रैंक लाकर जनपद का मान बढ़ाया है। इशिता 22 वर्ष की उम्र में आईपीएस बन गई है। इशिता की इस कामयाबी पर उनके परिजनों में खुशी का माहौल है। वहीं इशिता की इस कामयाबी से जनपद का भी मान बड़ा है। यूपीएससी में 154 रैंक आने पर इशिता के गुरुजनों ने इशिता को बधाई दी। इशिता ने अपनी इस कामयाबी के पीछे अपने परिजनों व गुरुजनों को बताया है।
उन्होंने बताया कि आज वह जिस मुकाम पर पहुंची है उसका श्रेय उनके माता-पिता के साथ-साथ सेंट जेवियर्स प्राइमरी और सेंट जेवियर्स हाई स्कूल को जाता है। इस स्कूल में पढ़ाने वाले योग्य शिक्षक और शिक्षकों के कुशल निर्देशन में आज उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है। उन्होंने सेंट जेवियर्स प्राइमरी स्कूल के डायरेक्टर राकेश पाल और सेंट जेवियर्स हाई स्कूल की प्रिंसिपल मौसमी चटर्जी का आभार व्यक्त किया।
स्कूल की प्रिंसिपल मौसमी चटर्जी ने दी शुभकामनाएँ
मंगलवार को सेंट जेवियर्स हाई स्कूल में इशिता गुप्ता को स्कूल की प्रिंसिपल मौसमी चटर्जी ने सम्मानित करने का कार्य किया। मौसमी चटर्जी द्वारा इशिता गुप्ता को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया और मोमेंटो देकर उनको सम्मानित किया। स्कूल की प्रिंसिपल उनकी माता डॉक्टर अंजु गुप्ता और पिता डॉ आर पी गुप्ता को भी सम्मानित किया। इशिता ने सेंट जेवियर्स प्राइमरी स्कूल से लेकर सेंट ज़ेवियर्स हाई स्कूल तक का सफर तय किया है। वह नर्सरी से लेकर 12th तक सेंट जेवियर स्कूल की छात्रा रही है। वर्ष 2004 में इशिता गुप्ता का दाखिला स्कूल में हुआ था जिसके बाद निरंतर वह आगे बढ़ती रही और 2016 में 12th में उत्तीर्ण होकर यूपीएससी की तैयारी में जुट गई।
इशिता गुप्ता ने बताया कि उनकी इस कामयाबी के पीछे सेंट जेवियर स्कूल का बहुत बड़ा योगदान है। यहां उनको अच्छे वातावरण में कुशल शिक्षक शिक्षिकाओं के मार्गदर्शन में शिक्षा प्राप्त हुई। इशिता गुप्ता ने कहा कि स्कूल की प्रिंसिपल मौसमी चटर्जी का भी बड़ा ही योगदान है जिनके मार्गदर्शन में आज स्कूल निरंतर आगे बढ़ रहा है। स्कूल से कई बच्चे आज डॉक्टर इंजीनियर बन रहे हैं कई बच्चे यूपीएससी में भी आए हैं। उन्होंने कहा कि हमें असफलता से कभी घबराना नहीं चाहिए और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए परिश्रम करते रहना चाहिए।