×

UP Loksabha Election: अमेठी के रण में बड़ा गुल खिलाएगी मोहन यादव की मौजूदगी, यादव मतदाताओं पर क्यों है BJP की निगाह

UP Loksabha Election: स्मृति ईरानी ने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराकर सियासी हल्कों में सनसनी फैला दी थी। वे इस बार के लोकसभा चुनाव में भी पूरी मजबूती के साथ सियासी रण में उतरी हैं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 29 April 2024 10:29 AM GMT
Mohan Yadav
X

अमेठी के रण में बड़ा गुल खिलाएगी मोहन यादव की मौजूदगी, यादव मतदाताओं पर क्यों है BJP की निगाह: Photo- Social Media

UP Loksabha Election: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज बड़े लाव-लश्कर के साथ अमेठी लोकसभा सीट से अपना नामांकन का दाखिल कर दिया। कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर स्मृति ईरानी ने पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हराकर सियासी हल्कों में सनसनी फैला दी थी। वे इस बार के लोकसभा चुनाव में भी पूरी मजबूती के साथ सियासी रण में उतरी हैं जबकि कांग्रेस ने अभी तक इस लोकसभा सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वैसे माना जा रहा है कि कांग्रेस इस सीट पर पार्टी के शीर्ष नेता राहुल गांधी को चुनाव मैदान में उतार सकती है।

नामांकन के मौके पर स्मृति ईरानी ने बड़े रोड शो के साथ शक्ति प्रदर्शन भी किया। इस दौरान उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी थे। अमेठी लोकसभा क्षेत्र में करीब ढाई लाख यादव मतदाता हैं और मोहन यादव के जरिए भाजपा ने यादव वोटों का समीकरण साधने का प्रयास किया है। पिछले दो लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा की बड़ी जीत में ओबीसी मतदाताओं की बड़ी भूमिका रही है और यही कारण है कि भाजपा इस बार भी ओबीसी मतदाताओं के समर्थन के जरिए बड़ी जीत हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई है।

Photo- Social Media

स्मृति ईरानी ने ध्वस्त कर दिया था कांग्रेस का दुर्ग

अमेठी लोकसभा क्षेत्र पर सबकी निगाहें लगी हुई है क्योंकि इसे गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। वैसे पिछले लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के इस गढ़ को ध्वस्त कर दिया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को करीब 55 हजार मतों से हरा दिया था। अमेठी से चुनाव जीतने के बाद स्मृति ईरानी लगातार अपने क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। उन्होंने अमेठी में अपना नया घर भी बनवा लिया है और वे लगातार राहुल गांधी को चुनौती देने में जुटी हुई है।

कांग्रेस अभी तक नहीं ले सकी फैसला

भाजपा ने अपनी पहली सूची में ही स्मृति ईरानी का नाम घोषित कर दिया था। दूसरी ओर कांग्रेस ने अभी तक अमेठी लोकसभा सीट से अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वायनाड में वोटिंग समाप्त होने के बाद राहुल गांधी को यहां से चुनाव लड़ाने की अटकलें लगाई जाती रही हैं।

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के हाल में दिल्ली में हुई बैठक के दौरान भी अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी को लड़ाने की मांग उठी थी। हालांकि बाद में इस संबंध में आखिरी फैसला लेने की जिम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर छोड़ दी गई।

Photo- Social Media

मोहन यादव के जरिए समीकरण साधने की कोशिश

स्मृति ईरानी ने रविवार को अयोध्या जाकर प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद लिया था और आज उन्होंने इस सीट से नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन से पहले उन्होंने करीब 2 किलोमीटर लंबा रोड शो भी किया। रोड शो में उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनके पति जुबिन ईरानी भी मौजूद थे। इस दौरान गौरीगंज में कांग्रेस कार्यालय के सामने भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भिड़ंत भी हो गई।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से स्मृति ईरानी के नामांकन के मौके पर मोहन यादव को विशेष तौर पर भेजा गया था। सियासी जानकारों का मानना है कि मोहन यादव की मौजूदगी के जरिए भाजपा यादव और ओबीसी वोट बैंक के समीकरण को साधने की कोशिश में जुटी हुई है। मोहन यादव इससे पूर्व मैनपुरी और आजमगढ़ समेत यादव बहुल कुछ अन्य इलाकों का भी दौरा कर चुके हैं। अब भाजपा अमेठी में उनकी मदद ले रही है।

अमेठी लोकसभा सीट का जातीय समीकरण

अमेठी के जातीय समीकरण को देखा जाए तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की यहां पर मौजूदगी यूं ही नहीं थी। अमेठी लोकसभा सीट का जातीय समीकरण ऐसा है कि यहां किसी भी प्रत्याशी की हार और जीत में दलित और मुस्लिम मतदाता बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं। अमेठी में मतदाताओं की संख्या करीब 17 लाख है जिनमें सबसे ज्यादा 34 फ़ीसदी ओबीसी मतदाता है। यहां 26 फ़ीसदी दलित, 20 फ़ीसदी मुसलमान, करीब आठ फ़ीसदी ब्राह्मण और 12 फीसदी ठाकुर और अन्य बिरादरी के मतदाता हैं।

दलित मतदाताओं में सबसे बड़ी आबादी पासी मतदाताओं की है जो करीब चार लाख मानी जाती है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी करीब साढ़े तीन लाख है और वे भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। यदि ओबीसी वर्ग की बात की जाए तो यादव मतदाताओं की भूमिका भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। इस क्षेत्र में यादव मतदाताओं की संख्या करीब ढाई लाख मानी जाती है। ओबीसी में करीब डेढ़ लाख मौर्य मतदाता और एक लाख कुर्मी मतदाता है।

Photo- Social Media

इस कारण सतर्क दिख रही है भाजपा

अमेठी में सीएम मोहन यादव की मौजूदगी को बीजेपी के बड़े दांव के तौर पर देखा जा रहा है। अगर मोहन यादव के जरिए भाजपा यादव मतदाताओं में पैठ बनाने में कामयाब रही तो निश्चित रूप से कांग्रेस को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने इस बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है और यादव मतदाताओं को समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ा हुआ माना जाता रहा है। यही कारण है कि भाजपा इस बार सतर्क दिख रही है। अब यह देखने वाली बात होगी कि मोहन यादव के जरिए भाजपा यादव वोट बैंक का समीकरण साधने में कहां तक कामयाब हो पाती है।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story