बरेली में रेप के बयानों से मुकरी युवती, हुई जेल

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रेप के फर्जी केस में युवक को जेल भेजवाने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है
अदालत ने दुष्‍कर्म मामले में बयान से मुकरने वाली युवती को उतने ही दिन जेल में रहने की सजा सुनाई है जितने दिन तक आरोपी युवक कैद में रहा
साथ ही कोर्ट ने उस पर 5 लाख 88 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है जो निर्दोष को बतौर मुआवजा दिया जाएगा
अदालत ने कहा कि दुष्‍कर्म जैसे जघन्‍य अपराध में फंसाने के लिए युवती ने सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून का दुरुपयोग किया है
कोर्ट ने आगे कहा कि इस कानून के तहत आरोपी को आजीवन कारावास तक की सजा मिल सकती थी
जानकारी के मुताबिक, महिला ने 2 सितंबर 2019 को बारादरी थाने में अजय नामक युवक पर बेटी के अपहरण व दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था
महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. युवती ने आरोपी पर नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था।
कोर्ट में युवती ने अपने बयान से मुकरते हुए कहा कि मैं पढ़ना लिखना नहीं जानती हूं, जबकि युवती ने कलमबंद बयान मे अंग्रेजी में हस्ताक्षर किये थे
महिला बोली अजय ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया था. कलमबंद बयान उसने पुलिस के दबाव में दिया था
वहीं, फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी अजय को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया और युवती को झूठी गवाही देने पर न्यायाधीश ने सजा और जुर्माना लगाया
कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले समाज में बेहद गंभीर हैं. अपने फायदे के लिए महिलाओं को पुरूषों के हितों पर आघात करने की छूट बिल्कुल नहीं दी जा सकती है