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Election 2024: कांग्रेस ने गढ़ बचाने की जिम्मेदारी दो दिग्गजों को सौंपी, रायबरेली में भूपेश बघेल और अमेठी में अशोक गहलोत की तैनाती

Election 2024: कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रायबरेली और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अमेठी लोकसभा सीट का सीनियर पर्यवेक्षक बनाया गया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 6 May 2024 11:57 AM GMT
Congress deployed Bhupesh Baghel in Rae Bareli and Ashok Gehlot in Amethi
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कांग्रेस ने रायबरेली में भूपेश बघेल और अमेठी में अशोक गहलोत की तैनाती: Photo- Social Media

Election 2024: उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली दो लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं को सौंपी गई है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रायबरेली और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अमेठी लोकसभा सीट का सीनियर पर्यवेक्षक बनाया गया है। बघेल और गहलोत को इन दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने का महत्वपूर्ण टास्क सौंपा गया है।

कांग्रेस ने इन दोनों सीटों को प्रतिष्ठा की जंग बना लिया है और प्रियंका गांधी भी इन दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत तय करने के लिए डेरा डालने वाली है। अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने इस बार लंबे समय से गांधी परिवार से जुड़े रहने वाले किशोरी लाल शर्मा को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर सोनिया गांधी के बाद अब राहुल गांधी रायबरेली की विरासत संभालने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। इन दोनों सीटों के लिए दिग्गज नेताओं की तैनाती से साफ हो गया है कि कांग्रेस इन दोनों सीटों को कितनी अहमियत दे रही है।

Photo- Social Media

दो वरिष्ठ नेताओं को सौंपी कमान

उत्तर प्रदेश की इन दोनों चर्चित लोकसभा सीटों पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होने वाला है। कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया था। इस कारण पार्टी प्रत्याशियों को प्रचार के लिए काफी कम वक्त मिलेगा। यही कारण है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को प्रचार अभियान की देखरेख के लिए इन दोनों लोकसभा क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास राजनीति का लंबा अनुभव है और उनकी अगुवाई में पार्टी ने इन राज्यों में बड़ी कामयाबी हासिल की है। सियासी जानकारों का मानना है कि इन दोनों नेताओं के सियासी तजुर्बे का लाभ उठाने के लिए पार्टी की ओर से इन दोनों नेताओं की दोनों हाई प्रोफाइल सीटों पर तैनाती की गई है। इससे कांग्रेस के चुनाव अभियान में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।

अशोक गहलोत को अमेठी में जीत दिलाने की जिम्मेदारी

अमेठी लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हार का मुंह देखना पड़ा था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को करीब 55,000 मतों से हरा दिया था। भाजपा ने अपनी पहली सूची में ही स्मृति ईरानी को इस सीट पर उतारने का ऐलान किया था। उम्मीदवारी की घोषणा के बाद से ही स्मृति ईरानी ने अमेठी में डेरा डाल रखा है और वे जोरदार चुनाव प्रचार में जुटी हुई है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस बार भी अमेठी से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं मगर नामांकन के आखिरी दिन पार्टी ने इस सीट से किशोरी लाल शर्मा की उम्मीदवारी का ऐलान किया था। राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने के फैसले को लेकर भाजपा हमलावर है और स्मृति ईरानी ने यहां तक कहा कि हार के डर से राहुल गांधी यह सीट छोड़कर भाग गए हैं।

इस कारण कांग्रेस इस सीट पर पूरी ताकत लगाना चाहती है। अब यह देखने वाली बात होगी कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट को बचा पाते हैं या नहीं।

रायबरेली में सोनिया की विरासत राहुल के जिम्मे

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ रायबरेली लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सोनिया गांधी ने इस सीट पर भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को हराया था। भाजपा ने एक बार फिर योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को इस लोकसभा क्षेत्र में उतार दिया है।

दूसरी ओर सोनिया गांधी की विरासत संभालने के लिए राहुल गांधी ने इस सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। सोनिया गांधी ने इस सीट से चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद रायबरेली के मतदाताओं के नाम भावुक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने यह भी कहा था कि रायबरेली से गांधी परिवार का रिश्ता आगे भी बना रहेगा।

Photo- Social Media

प्रियंका और बघेल डालेंगे डेरा

अब राहुल गांधी को चुनाव मैदान में उतार कर पार्टी एक बार फिर अपने इस गढ़ को बचाने की कोशिश में जुटी हुई है। दूसरी ओर भाजपा की ओर से राहुल गांधी की मजबूत घेरेबंदी की तैयारी है। राहुल गांधी पर देश के अन्य चुनाव क्षेत्रों में भी कांग्रेस प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार करने की जिम्मेदारी है। ऐसे में वे रायबरेली को ज्यादा वक्त नहीं दे पाएंगे।

माना जा रहा है कि इसीलिए भूपेश बघेल को रायबरेली में तैनात किया गया है। रायबरेली सीट से राहुल के नामांकन के समय अशोक गहलोत गांधी परिवार के साथ रायबरेली पहुंचे थे। प्रियंका गांधी भी जल्द ही रायबरेली में डेरा डालने वाली है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस का चुनाव प्रचार तेजी पकड़ेगा।

सोनिया गांधी ने इस लोकसभा सीट पर 2004 से 2019 के लोकसभा चुनाव तक लगातार जीत हासिल की थी। मौजूदा समय वे राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य बन चुकी हैं। ऐसे में अब कांग्रेस के इस गढ़ को बचाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी राहुल गांधी के कंधों पर है। अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि प्रियंका और बघेल राहुल गांधी को जीत दिलाने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं।

Shashi kant gautam

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