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Lok Sabha Election 2024: रोम में पोप, मधेपुरा में गोप- अभी तक तो यही चला है

Lok Sabha Election 2024: मैदान में नौ उम्मीदवारों में से मुख्य मुकाबला जदयू नेता और निवर्तमान सांसद दिनेश चंद्र यादव और राजद के कुमार चंद्रदीप के बीच है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 4 May 2024 7:36 AM GMT
Sharad Yadav, Lalu Prasad
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शरद यादव , लालू प्रसाद  (photo: social media )

Lok Sabha Election 2024: ‘’रोम में पोप, मधेपुरा में गोप’’, 30 साल पहले गढ़ी गई लालू प्रसाद की यह कहावत समय की कसौटी पर खरी उतरी है। 1967 में मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के अस्तित्व में आने के बाद से सभी सोलह चुनावों और उपचुनावों में गोप या यादव उम्मीदवारों ने ये सीट जीती है।

इसका सिलसिला शुरू किया था बी.पी. मंडल ने जो मुरहो एस्टेट के वंशज थे। हालाँकि वह 1968 में एक महीने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे लेकिन उन्हें मंडल आयोग के अध्यक्ष के रूप में ज्यादा जाना जाता है। इसी आयोग ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण का मार्ग प्रशस्त किया था।

मंडल के बाद मधेपुरा से उल्लेखनीय सांसद रहे शरद यादव (चार बार), लालू प्रसाद (दो बार) और राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (दो बार)। यह सीट 1998 से राजद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू के पास है, दोनों दल बारी-बारी से यहाँ से जीतते रहे हैं।

2024 की लड़ाई

इस लोकसभा चुनाव में भी लड़ाई गोपों के नाम पर ही है। मैदान में नौ उम्मीदवारों में से मुख्य मुकाबला जदयू नेता और निवर्तमान सांसद दिनेश चंद्र यादव और राजद के कुमार चंद्रदीप के बीच है। दिनेश ने 2019 में पुराने योद्धा दिवंगत शरद यादव को हराया था। लोगों का कहना है कि भले ही पलड़ा किसी भी तरफ झुके लेकिन रहेगा गोप के पक्ष में ही।

मधेपुरा निर्वाचन क्षेत्र के कुल 13.7 लाख मतदाताओं में से लगभग 5 लाख यादव हैं। सो लोग कहते हैं कि जो भी पार्टी जीतेगी, यह यादवों की जीत होगी।

इस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री, विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे लोग लालू को ही श्रेय देते हैं। लेकिन पीएम-किसान सम्मान निधि, मुफ्त एलपीजी कनेक्शन (उज्ज्वला योजना) और सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर से भी लोग खुश हैं।

- मधेपुरा (आलमगंज, बिहारीगंज, मधेपुरा) और सहरसा (सोनबरसा, सहरसा, महिषी) जिलों में तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों में फैला, मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र कोसी नदी के समतल मैदान पर स्थित है, जो इसे हर साल आने वाली बाढ़ के प्रति संवेदनशील बनाता है।

- मधेपुरा मुख्य रूप से कृषि प्रधान क्षेत्र है, जहां ग्रामीण गाय, भैंस और बकरी भी पालते हैं। मछली प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।

- सबसे बड़ी समस्या युवाओं के बड़े शहरों में चले जाने की है जिसका आज तक समाधान नहीं हो पाया। लोगों का कहना है कि यहां नौकरियां ही नहीं हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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