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‘ Xenophobic’ बयान पर भारत का अमेरिका पर पटलवार, जयशंकर ने जो बिडेन को बताया भारतीय इतिहास

India Xenophobic: भारत एक बहुत ही अनोखा देश रहा है, मैं वास्तव में कहूंगा, दुनिया के इतिहास में यह एक ऐसा समाज रहा है जो बहुत खुला रहा है। विभिन्न समाजों से अलग-अलग लोग भारत आते हैं।

Viren Singh
Published on: 4 May 2024 7:58 AM GMT (Updated on: 4 May 2024 8:04 AM GMT)
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India Xenophobic (सोशल मीडिया) 

India Xenophobic: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने भारत और जापान को ज़ेनोफोबिया" देश करार दिया। जो बिडेन के इस बयान पर भारत ने अब तगड़ा पटलवार किया है। विदेश मंत्री (ईएएम) जयशंकर ने "ज़ेनोफोबिया" टिप्पणी पर राष्ट्रपति जो बिडेन को सही करने के लिए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का उल्लेख किया है। कहा कि भारतीय समाज "दुनिया के इतिहास में बहुत खुला" रहा है। दरअसल अमेरिका राष्ट्रपति ने भारत को जेनोफोबिक' (विदेशियों के प्रति नापसंदगी) देश करार देते हुए उसको आर्थिक रूप से संकटग्रस्त देशों की श्रेणी रखा दिया, उनके इसी बयान का जयशंकर ने करार जवाब दिया है।

हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही

ईएएम ईडी राउंडटेबल में बोलते हुए कहा कि सबसे पहले जो बिडेन के उस बयान को ठीक कर दूं जिस पर उन्होंने भारत को संकटग्रस्त देश करार दिया है, उस पर मैं उन्हें बोल दूं कि हमारी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा नहीं रही है। भारत एक बहुत ही अनोखा देश रहा है, मैं वास्तव में कहूंगा, दुनिया के इतिहास में यह एक ऐसा समाज रहा है जो बहुत खुला रहा है। विभिन्न समाजों से अलग-अलग लोग भारत आते हैं। जयशंकर ने सीएए का हवाला देते हुए कहा कि यही कारण है कि हमारे पास सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) है, जो मुसीबत में फंसे लोगों के लिए दरवाजे खोलने के लिए है, मुझे लगता है कि हमें उन लोगों के लिए खुले रहना चाहिए जिन्हें भारत आने की जरूरत है, जो भारत आने का दावा है।

उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के बढ़ने का एक कारण आप और कई अन्य लोग हैं। क्यों? क्योंकि हम आप्रवासियों का स्वागत करते हैं," जो बिडेन ने वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा कि चीन आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह क्यों रुक रहा है, जापान को परेशानी क्यों हो रही है" , रूस क्यों है, भारत क्यों है, क्योंकि वे ज़ेनोफ़ोबिक हैं। वे अप्रवासी नहीं चाहते, उन्होंने कहा कि अप्रवासी ही हमें मजबूत बनाते हैं।

जानिए क्या कहा अमेरिका के राष्ट्रपति ने

बता दें कि बीते शुक्रवार को जो बिडेन अमेरिका में एक कार्यक्रम में भाग लेते आप्रवासियों की अमेरिकी स्वीकृति की सराहना की थी, साथ ही, ज़ेनोफोबिक देशों का उदाहरण लेते हुए इसके आर्थिक विकास का कारण था, जो "आर्थिक रूप से इतनी बुरी तरह से रुके हुए हैं। उन्होंने जिन देशों का नाम लिया उनमें से एक भारत था।

जापान ने भी जो बिडेन की टिप्पणी को खारिज

वहीं, जापान ने भी जो बिडेन की टिप्पणियों को खारिज कर किया है और चरित्र चित्रण को "दुर्भाग्यपूर्ण" और गुमराह करने वाला बताया है। एक सरकारी बयान के अनुसार, टोक्यो ने शनिवार को कहा कि यह "दुर्भाग्यपूर्ण है कि जापान की नीति की सटीक समझ पर आधारित टिप्पणियां नहीं की गईं।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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