Raebareli Lok Sabha Seat : फ़िरोज़ गांधी से राहुल गांधी तक, कांग्रेस के साथ रायबरेली का रिश्ता

रायबरेली एक ख़ास हॉट सीट मानी जाती है क्योंकि इसका रिश्ता नेहरु-गाँधी परिवार से रहा है। लोकसभा में पहली बार रायबरेली का प्रतिनिधित्व राहुल गाँधी के दादा फिरोज गांधी ने किया था जिनका आजादी के बाद के दो चुनावों में लगातार इस सीट पर कब्जा रहा।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2024-05-03 13:13 GMT

Election 2024 : रायबरेली एक ख़ास हॉट सीट मानी जाती है क्योंकि इसका रिश्ता नेहरु-गाँधी परिवार से रहा है। लोकसभा में पहली बार रायबरेली का प्रतिनिधित्व राहुल गाँधी के दादा फिरोज गांधी ने किया था जिनका आजादी के बाद के दो चुनावों में लगातार इस सीट पर कब्जा रहा। अब राहुल गाँधी इस सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल को अमेठी के बजाय रायबरेली से मैदान में उतारने के पीछे शायद यह सोच है कि रायबरेली एक बेहतर और सुरक्षित सीट है।

जानते हैं रायबरेली सीट के बारे में ख़ास बातें

- फ़िरोज़ गांधी के निधन के बाद 1960 के उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के आरपी सिंह और 1962 में एक अन्य कांग्रेस नेता बैज नाथ कुरील के पास रही।

- फ़िरोज़ गांधी ने रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र में जो मजबूत नींव रखी, उसे बाद में उनकी पत्नी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने और मजबूत किया। इंदिरा गाँधी यहाँ से 1967, 1971 और 1980 में जीतीं। इंदिरा गांधी ने 1980 में दो सीटों - रायबरेली और तेलंगाना में मेडक - से चुनाव लड़ा और मेडक सीट बरकरार रखने का फैसला किया था। और उसके बाद गांधी परिवार के दोस्तों और परिवार के सदस्यों ने भी इस सीट से जीत हासिल की।

- राजीव गाँधी के ख़ास सखा अरुण नेहरू ने 1980 और उसके बाद 1984 में यहां से उपचुनाव जीता।

- इंदिरा गांधी की चाची शीला कौल ने 1989 और 1991 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया।

- 1999 में गांधी परिवार के एक अन्य मित्र सतीश शर्मा ने रायबरेली का प्रतिनिधित्व किया।

- एकमात्र बार जब कांग्रेस ने इस सीट का प्रतिनिधित्व नहीं किया, वह 1977 में आपातकाल के बाद हुआ था जब जनता पार्टी के राजनारायण ने इंदिरा गांधी को हराया था। इसके अलावा भाजपा के अशोक सिंह यहाँ से 1996 और 1998 में जीते थे।

- चुनावी राजनीति में प्रवेश करने पर सोनिया गांधी ने 1999 में पड़ोसी लोकसभा सीट अमेठी से चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया। यह सीट पहले उनके पति राजीव गांधी के पास थी। बाद में सोनिया ने अमेठी सीट राहुल गाँधी के लिए छोड़ दी थी।

- सोनिया गांधी ने 2004 से 2019 के बीच चार बार रायबरेली का चुनाव जीता, हालांकि हाल ही में उनकी जीत का अंतर कम होने लगा।

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