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जब Mukhtar Ansari को लेकर भिड़ गई थीं यूपी और पंजाब सरकारें, SC में लड़कर योगी सरकार खींच लाई थी माफिया को

Mukhtar Ansari: कोर्ट का आर्डर लेकर उत्तर प्रदेश की पुलिस कई बार पंजाब गई मगर बीमारी का बहाना बनाकर मुख्तार को उत्तर प्रदेश नहीं भेजा गया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 29 March 2024 4:29 AM GMT
Mukhtar Ansari CM Yogi
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Mukhtar Ansari CM Yogi (photo: social media)

Mukhtar Ansari: माफिया डॉन और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसे पंजाब की जेल से यूपी लाए जाने का प्रकरण भी काफी चर्चाओं में है। मुख्तार अंसारी के रसूख को इस बात से समझा जा सकता है कि उसे पंजाब की रोपड़ जेल में सारी सुख सुविधाएं मुहैया कराई गई थीं और पंजाब सरकार उसे यूपी वापस भेजने के लिए तैयार नहीं थी।

मुख्तार अंसारी को वापस यूपी लाए जाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पंजाब और उत्तर प्रदेश की सरकारों में भिड़त हो गई थी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मुख्तार अंसारी को यूपी लाकर विभिन्न मामलों में ट्रायल कराकर सजा दिलाना चाहती थी जबकि पंजाब सरकार उसे अपने प्रदेश की जेल में रखना चाहती थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुख्तार अंसारी को 6 अप्रैल 2021 को उत्तर प्रदेश लाकर बांदा जेल में रखा गया था और बांदा जेल में ही हार्ट अटैक से मुख्तार अंसारी की मौत हुई।

यूपी पुलिस कई बार पंजाब से खाली हाथ लौटी

माफिया मुख्तार अंसारी पर वाराणसी, मऊ और गाजीपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में दर्जनों मामले दर्ज हैं मगर पंजाब की रोपड़ जेल में मुख्तार के बंद होने के कारण प्रदेश में इन मामलों में ट्रायल नहीं हो पा रहा था।

फिरौती के एक मामले को लेकर मुख्तार अंसारी को पंजाब ले जाया गया था और उसे रोपड़ जेल में रखा गया था। यूपी सरकार को इस बात की जानकारी थी कि मुख्तार अंसारी जानबूझकर उत्तर प्रदेश नहीं आना चाहता और पंजाब के जेल में सारी सुख सुविधाओं के साथ रह रहा है।

उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से पंजाब सरकार से कई बार मुख्तार को भेजने का अनुरोध किया गया था। कोर्ट का आर्डर लेकर उत्तर प्रदेश की पुलिस कई बार पंजाब गई मगर बीमारी का बहाना बनाकर मुख्तार को उत्तर प्रदेश नहीं भेजा गया। यूपी पुलिस की टीम कई बार पंजाब जाने के बावजूद खाली हाथ लौटने पर मजबूर हो गई थी।

सुप्रीम कोर्ट में मुख्तार के साथ खड़ी हुई पंजाब सरकार

मुख्तार को उत्तर प्रदेश लाने में मिली इस विफलता के बाद योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। शीर्ष अदालत में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दलील दी गई कि मुख्तार को विभिन्न मामलों में प्रदेश की कोर्ट में पेश करना है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार जानबूझकर दो साल से मुख्तार को उत्तर प्रदेश नहीं लाने दे रही है।

मुख्तार के अपराधी होने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट में पंजाब की सरकार मुख्तार के साथ खड़ी हो गई। पंजाब सरकार की ओर से दायर हलफनामे में कहा गया कि मुख्तार अंसारी को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज समेत कई बीमारियां हैं जिसकी वजह से उसे उत्तर प्रदेश नहीं भेजा जा सकता।

यूपी सरकार को मिली सुप्रीम कोर्ट में जीत

यूपी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में कहा गया कि मुख्तार अंसारी ने यूपी की जेल में रहते हुए फोन के जरिए कई अपराधों को अंजाम दिया है जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। शपथ पत्र में कहा गया कि कई मामलों में जांच पड़ताल के लिए मुख्तार का यहां होना जरूरी है और ऐसा न होने पर जांच प्रभावित होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया था जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार की जीत हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही पंजाब सरकार ने मुख्तार को उत्तर प्रदेश भेजा था। इसके बाद मुख्तार को पंजाब की रोपड़ जेल से लाकर बांदा जेल में रखा गया था।

मुख्तार को उत्तर प्रदेश ले जाने का बड़ा असर भी दिखा था क्योंकि उसे यहां लाए जाने के बाद ही विभिन्न मामलों में तेजी से ट्रायल शुरू हुआ। अभी तक मुख्तार को आठ मुकदमों में सजा सुनाई जा चुकी थी। दो मामलों में तो मुख्तार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

मुख्तार को वीआईपी ट्रीटमेंट पर उठे थे सवाल

मुख्‍तार अंसारी को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले में पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर सवाल भी उठे थे। बाद में विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने पंजाब में प्रचंड बहुमत हासिल किया था।

पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद सरकार की ओर से इस बात का खुलासा किया गया था कि कांग्रेस राज में मुख्तार अंसारी ने पंजाब की जेल में किस तरह मौज काटी थी।

मुख्तार अंसारी की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए पंजाब की कांग्रेस सरकार ने 55 लाख रुपए भी खर्च कर डाले थे जिसका भुगतान करने से पंजाब की मान सरकार ने इनकार कर दिया था।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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