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Lucknow University: अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आयोजन, अतिथि बोले- विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता तंत्र आवश्यक
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में रविवार को 'आर्बिट्रेशन एंड मीडिएशन एट क्रॉसरोड्स: फ्रॉम प्रेजेंट टू फ्यूचर' विषयक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ।
Lucknow University: लखनऊ विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में रविवार को 'आर्बिट्रेशन एंड मीडिएशन एट क्रॉसरोड्स: फ्रॉम प्रेजेंट टू फ्यूचर' विषयक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ। यह कार्यक्रम वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र के विकसित परिदृश्य पर व्यावहारिक चर्चा और प्रतिबिंब के लिए एक मंच था। सम्मेलन में मुख्य अतिथि इलाहाबाद उच्च न्यायालय-लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन, सम्मानित अतिथि न्यायमूर्ति समीम अहमद व कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. एस.डी. शर्मा मुख्य वक्ता रहे। यहां कानूनी और शैक्षणिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया गया।
हर जगह मध्यस्थता जरूरी
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि ने मध्यस्थता कार्यवाही में गोपनीयता और पारदर्शिता के बीच एक नाजुक संतुलन बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। इसके साथ पुराने समय होने वाले विवादों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाई-बहन के बीच परिवार इसलिए पिता और मां अपने प्रियजनों के बीच विवाद/संघर्ष को सुलझाने के लिए मध्यस्थ की तरह कार्य करते हैं। सम्मानित अतिथि शमीम अहमद ने विवाद समाधान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए पूर्व-संस्था और अनिवार्य मध्यस्थता तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक उद्धरण ज्ञान को अवशोषित करने के लिए अपने दिमाग को खोलें, यह सीखने के बारे में नहीं है, यह भागीदारी के बारे में है । उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में एडीआर और मध्यस्थता के महत्व पर जोर दिया।
CEMA की रही बड़ी भागीदारी
न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया और कानूनी विशेषज्ञता की अपनी गहन समझ से कार्यवाही को समृद्ध किया। समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में मध्यस्थता उत्कृष्टता केंद्र (CEMA) के ट्रस्टी पार्टनर मुकेश बहादुर सिंह की उल्लेखनीय उपस्थिति थी। उनकी भागीदारी ने CEMA की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। इस मौके पर नवीन परिसर के निदेशक प्रोफेसर डॉ. आरके सिंह, नवीन परिसर के प्रॉक्टर व सम्मेलन आयोजन सचिव प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद अहमद, उप आयोजन सचिव प्रोफेसर डॉ. हरीश चंद्र राम, पूर्व डीन डॉ. सीपी सिंह, डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, डॉ. आलोक कुमार यादव, डॉ. अर्चना सिंह, डॉ. आरएस राठी, डॉ.राधेश्याम तिवारी व अन्य मौजूद रहे।