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Kannauj News: अखिलेश यादव पर भाजपा नेता ने कसा तंज, कहा- बड़ी देर कर दी हुजूर आते-आते

Kannauj News: कन्नौज लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव के नामांकन करने की खबर के बाद भाजपा सांसद और प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने तंज कसते हुए कहा कि "उनको तो आना ही चाहिए था मैं तो उनको बुला ही रहा था

Pankaj Srivastava
Published on: 24 April 2024 5:25 PM GMT
BJP candidate Subrata Pathak took a jibe at Akhilesh Yadav
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अखिलेश यादव पर भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने कसा तंज: Photo- Social Media

Kannauj News: कन्नौज लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव का नाम आने के बाद लोक चुनाव सरगर्मी और तेज हो गयी है। कन्नौज लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव के नामांकन करने की खबर के बाद भाजपा सांसद और प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने तंज कसते हुए कहा कि "उनको तो आना ही चाहिए था मैं तो उनको बुला ही रहा था" अब तो हम यही कहेंगे कि "बड़ी देर कर दी हुजूर आते–आते"

तो कुल मिलाकर अखिलेश जी आ रहे हैं उनका स्वागत है और मेरा मानना है कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के इस परम्परा में एक अच्छी लड़ाई हो और बराबरी की लड़ाई हो तो स्वाभाविक है कि अखिलेश यादव आयेंगे तो ही बराबरी की लड़ाई हो पायेगी नही, वह सैफई से किसी और को भेजेंगे तो मैंने कहा कि सपा की यहां जमानत तक नही बचेगी।

समाजवादी पार्टी को अगर बचाना है तो अखिलेश को आना ही पड़ेगा- भाजपा सांसद

भाजपा सांसद ने आगे कहा कि "देखो जब इन्होंने अपने भतीजा का नाम घोषित किया था तो इनकी पार्टी के लोग ही छोड़कर जाने लगे, आज उनको समझ में आ गया कि इनकी पार्टी का अस्तित्व ही नहीं बचेगा और कोई भी चुनाव लड़ेगा अखिलेश के खिलाफ तो 70–80 प्रतिशत लोग इनके मेरे साथ खड़े होंगे। इस बात को समझते हैं, समाजवादी पार्टी का अस्तित्व अगर बचाना है तो अखिलेश को आना ही पड़ेगा।

सुब्रत बोले- अखिलेश से मुकाबला मेरे लिए कोई नया नही

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के लोकसभा चुनावी मैदान में आ जाने की बात को लेकर सुब्रत पाठक ने कहा कि "काहे का मुकाबला मेरे लिए कोई नया नहीं है। मैंने पहले ही कहा कि देखो अखिलेश आ रहे हैं, मेरे लिए अखिलेश कोई नये हैं क्या।

अब होगी यहां बराबरी की लड़ाई होगी- सुब्रत पाठक

अखिलेश जिनके लिए होंगे तो होंगे यहां तो 2009 में भी हम अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे, हम 2014 में जब अखिलेश मुख्यमंत्री थे तो उनकी धर्मपत्नी डिंपल यादव दोनों के खिलाफ चुनाव लड़े और उसके बाद 2019 में अखिलेश और मायावती जी का गठबंधन था तो उस समय पर मायावती, डिंपल और अखिलेश तीनों के खिलाफ चुनाव लड़ा, तो कुल मिलाकर मेरे लिए कोई नया विषय नहीं है, हम लोग तो लड़ ही इनसे रहे हैं। तो मैं इसलिए यह चाहता था कि यहां बराबरी की लड़ाई होगी और यह तभी सम्भव है जब अखिलेश जी आयेंगे। अन्य कोई लड़ने की स्थिति में ही नहीं है यह तो अखिलेश जी खुद जानते हैं।

Shashi kant gautam

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