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बच्चों के लिए बांस से तैयार धागे से बना रहे कपड़े, स्टार्टअप की विदेशों तक धूम

Gorakhpur News: स्वप्निल श्रीवास्तव ने शारदा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की और फिर सोचा कि मुझे नौकरी करने के बजाय नौकरियां देने वाला बनना है।

Purnima Srivastava
Published on: 28 April 2024 5:46 AM GMT
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गोरखपुर में बच्चों के लिए बांस से तैयार धागे से बना रहे कपड़े (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के कैम्पियरगंज के स्वप्निल श्रीवास्तव और दोस्तों का एक प्रयोग देश-विदेश में डंका बजा रहा है। दोस्तों ने बांस के लकड़ी के बने धागों से बच्चों के लिए नर्म कपड़ों का उत्पादन शुरू किया। देखते ही देखते कंपनी 120 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई। जल्द ही कंपनी का टर्न ओवर 500 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है। कैम्पियरगंज के रहने वाले स्वप्निल श्रीवास्तव और उनके दो दोस्तों ने हुसैन और अमन ने मिसाल कायम की है।

स्वप्निल श्रीवास्तव ने शारदा यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की और फिर सोचा कि मुझे नौकरी करने के बजाय नौकरियां देने वाला बनना है। इसके बाद दोस्तों के साथ मिलकर किड्स ब्रांड बनाने का सपना लेकर संघर्ष करना शुरू कर दिया। कड़ी परिश्रम और संघर्षों के बाद बच्चों के लिए विश्व का सबसे मुलायम कपड़ा बनाने वाले वैश्विक बैम्बू प्लांट पर आधारित ‘kidbea’ ब्रांड लेकर भारत में आए जो आज विदेशों में भी भारत को पहचान दिला रहा है। kidbea के स्टोर्स भारत, UAE, और ऑस्ट्रेलिया में मौजूद हैं। आज kidbea 120 करोड़ का ब्रांड है।

अगले दो साल में 500 करोड़ का ब्रांड बनाने का लक्ष्य है। kidbea को विश्व से प्रसिद्ध वेंचर कैपिटलिस्ट्स और इन्वेस्टर्स का समर्थन है। स्वप्निल बताते हैं कि मेहनत करते रहे छोटे छोटे इन्वेस्टमेंट के जरिये अपनी मेहनत से बुद्धिमत्ता से बड़े बड़े इन्वेस्टर्स तक पहुंचने लागे और देखते ही देखते वक़्त बदलने लगा। kidbea को इन्वेस्टमेंट मिलने लगा। वह बताते हैं कि जिन इन्वेस्टर्स के दफ़्तर के बाहर गार्ड उन्हें जाने से रोक दे रहे थे वो इन्वेस्टर्स उनके आइडियाज को बाद में पसंद करने लगे और एक वक़्त आया जब जिन दफ़्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे उन दफ़्तरों से फ़ोन आने लगे और इन्वेस्टर्स हमारी टफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने लगे।

इंटरनेशनल ब्रांड बन चुका है kidbea

कड़ी मेहनत और संघर्षों के बाद kidbea एक इंटरनेशनल ब्रांड बन चुका है, बैम्बू प्लांट से बने ये बच्चों के कपड़े और तमाम असेसारीज इतने मुलायम हैं कि लोग ऐसे तेज़ी से पसंद कर रहे हैं और ना सिर्फ भारत की माएं बल्कि विदेशों में भी मॉम्स इस ब्रांड को पसंद कर रही हैं और लगातार मांग बढ़ती जा रही है। स्वप्निल बताते हैं कि उनके पिता शम्भू शरण श्रीवास्तव बड़े पापा दुर्गा शरण श्रीवास्तव और पूरा परिवार उनका हमेशा हौसला आफजाई करता है कभी हारने नहीं देता है। हर कदम पर हिम्मत बनकर उनका परिवार खड़ा और परिवार दोस्तों और ईश्वर के भरोसे इस मुकाम तक वो पहुंचे हैं, इसीलिए कहा गया है संघर्ष करते जाइये एक दिन सफलता आपके कदम ज़रूर चूमेगी।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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