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Varanasi Famous Temple: भगवान विष्णु के साथ काशी में यहां विराजमान है महादेव

Varanasi Vishnu or Shiv Mandir: पर हम आपको बनारस के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जो हर दूसरे मंदिरों से अलग है।

Yachana Jaiswal
Written By Yachana Jaiswal
Published on: 24 April 2024 9:07 AM GMT
Varanasi Famous Shiv Mandir
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Varanasi Famous Shiv Mandir (Pic Credit-Social Media)

Varanasi Shiv Mandir: वाराणसी नगरी कई प्रमुख मंदिरों और जगहों से प्रसिद्ध है। लेकिन यहां पर हम आपको बनारस के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है जो हर दूसरे मंदिरों से अलग है। इसके पीछे कारण है, मन्दिर में विराजमान देवता। यह अपने तरह का पहला मंदिर है जिसे भगवान विष्णु और शिव की लीला का साक्षी माना जाता है। विष्णु जी के एक अवतार श्री कृष्ण से जुड़ा यह मंदिर महादेव से भी जुड़ा हुआ है।

दुनिया का पहला ऐसा मंदिर

काशी की यात्रा महान और सर्वत्र कही जाती है। आज हम काशी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जहां पर मंदिर के प्रांगण में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन मिलते है। इस मंदिर में विष्णु जी के साथ संतेश्वर महादेव भी विराजमान है। काशी नगरी में महादेव के कई प्रमुख मंदिर है, जिनका इतिहास भी गौरवशाली रहा है। चलिए जानते है वाराणसी के एक ओर अनोखे मंदिर के बारे में। काशी में कृष्ण जी ने महादेव की उपासना संतान प्राप्ति के उद्देश्य से की थी। जहां पर कृष्ण जी ने उपासना की वह जगह संतानेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। यह दुनिया का पहला मन्दिर है जहां पर विष्णु जी और महादेव दोनों एक साथ विराजमान है। यह मंदिर सभी श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है। यहां पर सभी भक्त दर्शन करने और मनोकामना मांगने आते है।


मन्दिर से जुड़ी महत्त्वपूर्ण तथ्य

2000 वर्षों का इतिहास : भगवान विष्णु और संतेश्वर महादेव मंदिर

यह मंदिर बुलानाला के पास स्थित है।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

स्थान: काशी, उत्तर प्रदेश

स्थापत्य: कसौटी की शिला

आयु: 2000 वर्ष

धार्मिक महत्व: द्वादश ज्योतिर्लिंग, संतान प्राप्ति

दर्शन: भगवान कृष्ण, संतेश्वर महादेव

यह मंदिर उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो: काशी दर्शन के लिए पधारे है।


मंदिर का इतिहास

यह संतानेश्वर महादेव मन्दिर भगवान विष्णु और महादेव दोनों को समर्पित है। यह मंदिर 2000 वर्ष पुराना है। यह मंदिर काशी नगरी के मैदागिन बुलानाला पर स्थित है। इस मंदिर की स्थापत्य कला कसौटी शीला की बनी हुई है। यहां पर महादेव के दर्शन को 12 ज्योर्तिलिंग दर्शन के तुल्य माना जाता है। यह मंदिर श्रीकृष्ण के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। यानी जितना प्राचीन मंदिर है। उतना ही प्राचीन इस मंदिर की कथा भी है। महाभारत युद्ध के बाद भगवान श्री कृष्ण ने संतान प्राप्ति के लिए महादेव की उपासना यहां पर लंबे समय तक की थी। जिसके बाद महादेव इनपर प्रसन्न हुए थे।


मन्दिर की मान्यता

मंदिर के पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर की मान्यता संतान प्राप्ति से हैं। ये वहीं जगह है जहां पर विष्णु अवतार श्री कृष्ण ने स्वयं महादेव को प्रसन्न किया था। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने, पूजा अनुष्ठान करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। निःसंतान दंपत्ति इस जगह पर बच्चे की मुराद लेकर आते है।


Yachana Jaiswal

Yachana Jaiswal

Content Writer

I'm a dedicated content writer with a passion for crafting engaging and informative content. With 3 years of experience in the field, I specialize in creating compelling articles, blog posts, website content, and more. I can write on anything with my research skills. I have a keen eye for detail, a knack for research, and a commitment to delivering high-quality content that resonates with the audience. Author Education - I pursued my Bachelor's Degree in Journalism and Mass communication from Sri Ramswaroop Memorial University Lucknow. Presently I am pursuing master's degree in Master of science; Electronic Media from Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication Bhopal.

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