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Kanpur Famous Park: कानपुर के गौरवशाली इतिहास को समेटे है बिठूर का नाना राव स्मारक पार्क

Kanpur Famous Nana Rao Park: कानपुर का इतिहास से गहरा नाता रहा है। जब आप यहां जाएंगे तो आज भी आपके यहां इतिहास की यादें देखने को मिलेगी।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 16 April 2024 8:30 AM GMT (Updated on: 16 April 2024 8:30 AM GMT)
Kanpur Famous Nana Rao Park
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Kanpur Famous Nana Rao Park

Kanpur Famous Nana Rao Park: पहले स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1947 में आजादी की लड़ाई तक स्वतंत्रता आंदोलन से कानपुर का गहरा नाता रहा है। यहां से अनेक वीर हुए हैं जिन्होंने देश के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। तात्या टोपे, नाना राव पेशवा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई इन्होंने अपनी वीरता से और गणेश शंकर विद्यार्थी ने अपने लेखों और हसरत मोहानी ने इंकलाब जिंदाबाद का नारा देकर इस धरती से अंग्रेजों को खदेड़ दिया था। इस धरती पर जितने भी वीर हो गए उनकी याद आज भी बिठूर के नान राव स्मारक पार्क में देखने को मिलती है। यहां पर एक संग्रहालय बना हुआ है जिसमें रणबीर सपूतों के शस्त्र, तस्वीर और साहित्य मौजूद है। 1857 की क्रांति के समय जो अस्त्र-शस्त्र इस्तेमाल किए गए थे वह भी संग्रहालय का मुखिया आकर्षण का केंद्र है जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं।

यहां है ये चीजें

बिठूर की धरती पर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में नाना साहब, तात्या टोपे और अजीम उल्लाह खान ने अंग्रेजों को जो धूल चटाई थे उसके इतिहास की कहानी और फोटो देखने को मिलते हैं। यहां तात्या टोपे का खंजर भी रखा हुआ है जिसे उन्होंने अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया था। इस संग्रहालय की दीवारें 1857 की क्रांति के इतिहास को अपने में समेटे हुए हैं। यहां टेट टॉप की परिवार की रिहाई और शाही परवाना भी रखा हुआ है जो 28 फरवरी 1858 में लिखा गया था। इसके अलावा यहां पर कानपुर से शुरू हुई डाक सेवा समाचार पत्र प्रताप के कई महत्वपूर्ण संस्करणों की प्रतियां भी देखने को मिलती है।

Bithoor
Bithoor


2005 में हुआ स्थापित

बिठूर के नाना राव पेशवास स्मारक में कानपुर संग्रहालय 2005 में स्थापित किया गया। अंग्रेजों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से जुड़ी गाथा सुनाने वाला यह संग्रहालय लगातार विकसित किया जा रहा है। ये वीर भूमि वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की याद दिलाती है। रानी लक्ष्मी बाई का बचपन यही बीता था और उन्होंने तात्या टोपे के साथ तलवार चलाना और घुड़सवारी करना भी यही सीखा।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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