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भारत की इस नदी में बहता है सोना, रेत से सोना इकट्ठा करते हैं लोग

Jharkhand Famous Subarnarekha River: भारत में एक से बढ़कर एक अजीब और चौंका देने वाले स्थान मौजूद है। आज हम आपको यहां की एक ऐसी नदी के बारे में बताते हैं जिसमें सोना बहता है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 28 April 2024 9:58 AM GMT
Jharkhand Famous Subarnarekha River
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Jharkhand Famous Subarnarekha River (Photos - Social Media)

Jharkhand Famous Subarnarekha River: इस दुनिया में और हमारे देश में कई सारी नदियां बहती है। भारत पर वैसे भी नदियों का देश कहा जाता है क्योंकि यहां लगभग 400 से ज्यादा छोटी और बड़ी नदियां बहती है। देश भर में बहने वाली इन नदियों की कोई ना कोई विशेषताएं जो इन्हें अलग और खास बनाने का काम करती है। आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताते हैं जो सोने की नदी कहीं जाती है और यहां के पानी से सोना निकलता है। चलिए आज आपको इस नदी के बारे में बताते हैं।

स्वर्णरेखा से निकलता है सोना

हम जिस नदी की बात कर रहे हैं वह भारत के झारखंड में है और यहां पर पानी के साथ सोना बहता है इसी कारण इसे स्वर्ण रेखा नदी के नाम से पहचाना जाता है। स्थानीय लोग इसे सोने की नदी के नाम से भी पुकारते हैं। यह नदी रांची से 16 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में मौजूद नगड़ी गांव में रानी चुआं नाम की जगह से निकलती है। झारखंड से निकलते हुए ओडिशा पश्चिम बंगाल और बालेश्वर होते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस नदी की लंबाई 474 किलोमीटर है।

Subarnarekha River


नदी में बहता है सोना

इस नदी के बारे में जो जानकारी मिलती है उसके मुताबिक यहां पर सोना निकलता है। स्थानीय आदिवासी सुबह-सुबह यहां पर बहुत जाते हैं और दिन भर रेत को छानकर उसमें से सोने के कण निकालते हैं। कहीं पीडिया लगातार इस काम को करती आ रही है। तमाड़ और सारंडा जैसे इलाके में महिला पुरुष और बच्चे सुबह उठकर नदी में सोना इकट्ठा करने जुट जाते हैं।

Subarnarekha River


आसान नहीं है काम

नदी के पानी से सोना निकलता है यह सुनकर हर किसी को यह काम बहुत आसान लगेगा कि सोना इकट्ठा ही तो करना है लेकिन जितना सुनने में लग रहा है यह काम उतना आसान नहीं है। नदी की रेट से सोना इकट्ठा करने के लिए लोगों को दिनभर काफी मेहनत करनी पड़ती है। दिन भर पानी में रहकर मेहनत करने के बाद एक व्यक्ति एक या दो कण ही निकाल पाता है। कई बार तो एक भी कारण नहीं मिलता। इस तरह से एक व्यक्ति महीने भर में 70 या 80 सोने के कान निकलता है। एक कण की कीमत से आदिवासी ₹100 कमा लेते हैं लेकिन बाजार में यह ₹300 में बिकता है। इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह नदी चट्टानों के बीच से गुजरती है। इन चट्टानों में जो सोने के टुकड़े मिलते हैं वह घर्षण के कारण टूटकर नदी में मिल जाते हैं और बहकर यहां आ जाते हैं। वहीं कुछ लोगों का बोलना है कि इस नदी में जो सोने के कारण है वह करकरी नदी से बहकर यहां आते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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