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Barsana Temple in Delhi: दिल्ली के इस मंदिर में स्वयं प्रकट हुई थी राधा रानी

Barsana Temple in Delhi: हमारे देश में कई सारे धार्मिक स्थल मौजूद है जो अपने चमत्कारों की वजह से पहचाने जाते हैं। चलिए आज हम आपको दिल्ली के राधा रानी मंदिर के बारे में बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 24 April 2024 10:30 AM GMT
Barsana Temple in Delhi
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Barsana Temple in Delhi (Photos - Social Media) 

Barsana Temple in Delhi : आदिकाल से ही हमारे देश में पूजा-पाठ और धार्मिक आस्थाएं प्रबल रही हैं। यहां के कई मंदिर ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल के रूप में पहचाने जाते हैं। दिल्ली के चांदनी चौक की एक गली में 21 मंदिर हैं। इनमें से कुछ मंदिरों के बारे में बताया जाता है कि वे 500 साल पुराने हैं। ये सभी मंदिर ‘कटरा नील’ बाजार में एक-दूसरे से कुछ ही कदम की दूरी पर हैं।

प्रकट हुई थी लाडली जी

लाडली जी अर्थात् राधारानी। ब्रज में राधारानी को श्रीजी के नाम से भी बुलाते हैं। लाडली जी की सेवारत नितिन गोस्वामी बताते हैं कि हमारी 16वीं पीढ़ी पहले श्री मिश्र नारायण गोस्वामीजी लाहौर में श्री किशोरीरमण यानी श्रीकृष्ण की पूजा में लीन थे। वह 1455 में लाहौर छोड़कर वृंदावन आ बसे। यहां एक प्रसंग सुनने के बाद वह ठाकुर जी अर्थात लड्डू गोपाल को लेकर वृंदावन के चीर घाट स्थित ललित कुंज पहुंचे। उन्होंने ठाकुरजी को वहां विराजमान कर दिया। मिश्र नारायण जी की नौंवीं पीढ़ी के प्रद्युमन जी के पास दिल्ली से बुहत सेवक-शिष्य वृंदावन जाते थे। उन्होंने ही 1750 में प्रद्युमन जी को दिल्ली में बसने के लिए मना लिया। उन्हें यहां कटरा नील में स्थान उपलब्ध कराया। फिर यहीं ठाकुरजी का पूजन भजन होने लगा। वंशी जी जब 16 वर्ष के थे, तब सपने में लाडजी जी ने उन्हें बताया कि घर के आंगन में लगे पेड़ के नीचे उनका विग्रह है। उसी विग्रह यानी मूर्ति को निकालकर यहां स्थापित कर दिया गया। यहां राधारानी वंशी के साथ ही स्थापित हैं। तब से इस घर को लाडली के बड़े मंदिर के नाम से बुलाया जाने लगा। अब यहां मंदिर में उनके साथ श्रीकृष्ण जी का भी विग्रह है। यहां राधारानी के भक्त दिल्ली-एनसीआर से आते हैं। राधाअष्टमी के साथ यहां कृष्णजन्माष्टमी भी धूमधाम से मनाई जाती है।


कैसे पहुंचे

यहां पहुंचने के लिए आपको येलो मेट्रो लाइन से चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर उतरना होगा। गेट नंबर 3 से बाहर निकलते ही ‘कटरा नील’ की तरफ बाजार के शुरू होते ही आपको ये मंदिर दिखने शुरू हो जाएंगे। सुबह से लेकर देर रात तक यहां मंदिर के पट खुले रहते हैं। हां, कुछ मंदिर आपको यहां दोपहर के वक्त बंद मिलेंगे।


Barsana Temple in Delhi


Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

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मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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