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Loksabha Election 2024: डुमरियागंज लोकसभा सीट पर भाजपा के विजय रथ को सपा ने की रोकने की तैयारी, जानें समीकरण

Dumariyaganj Seat Parliament Constituency Details: इस बार अपने जीत का चौका लगाने के लिए भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरें हैं।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 17 May 2024 12:36 PM GMT
Dumariyaganj Seat Parliament Constituency Details
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Dumariyaganj Seat Parliament Constituency Details

Lok Sabha Election 2024: भगवान बुद्ध के जन्मस्थली कपिलवस्तु और लुम्बनी होने के कारण सिद्धार्थनगर जिला काफी अहमियत रखता है। यहां भारत होकर जाने वाले ज्यादातर पर्यटक इसी रूट से जाने हैं। यूपी के पूर्वी छोर पर भारत-नेपाल सीमा से सटा यह जिला शाक्य जनपद के खंडहरों के लिए मशहूर है। यह जिला यूपी के अतिपिछड़े जिलों में शुमार है। दुनियाभर में काला नमक चावल की खुशबू बिखेरने वाले सिद्धार्थनगर जिले की डुमरियागंज लोकसभा सीट से चुनी गईं हस्तियां राष्ट्रीय स्तर पर अपने कार्यों की बदौलत पहचान बना चुकी हैं। इस सीट से दिग्गज हस्तियां चुनावी मैदान में उतरीं तो उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा है। जबकि पूर्व सांसद रामपाल सिंह ही केवल जीत की हैट्रिक लगा पाए हैं। कई ऐसे हैं, जो जीत की हैट्रिक से एक कदम दूर रहे गए। लेकिन यहां के वर्तमान सांसद जगदंबिका पाल ने पाला बदलकर पूर्व सांसद रामपाल सिंह के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इस बार अपने जीत का चौका लगाने के लिए भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरें हैं। उनको चुनौती देने के लिए सपा की ओर से पूर्वांचल के बाहुबली रहे पंडित हरिशंकर तिवारी के बड़े पुत्र भीष्मशंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी चुनावी रण में उतरें हैं। जबकि बसपा ने गोरखपुर के रहने वाले ख्वाजा शम्शुद्दीन को उम्मीदवार बनाया है। इस बार यहां लड़ाई दिलचस्प देखने को मिल रही है।

Dumariyaganj Lok Sabha Chunav 2019 Details


Dumariyaganj Vidhan Sabha Chunav 2022 Details


Dumariyaganj Lok Sabha Chunav 2014 Details



अगर लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो भाजपा के जगदंबिका पाल ने सपा बसपा के संयुक्त उम्मीदवार रहे आफताब आलम को 1,05,321 वोट से हराकर जीत की हैट्रिक लगाई थी। इस चुनाव में जगदंबिका पाल को 4,92,253 और आफताब आलम को 3,86,932 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के चंद्रेश उपाध्याय को महज 60,549 वोट मिले थे। वहीं लोकसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के दौरान पूराने कांग्रेसी नेता रहे जगदंबिका पाल ने पाला बदलकर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। उन्होंने बसपा के मोहम्मद मुकीम को 1,03,588 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में जगदंबिका पाल को 2,98,845 और मोहम्मद मुकीम को 1,95,257 वोट मिले थे। जबकि सपा के दिग्गज नेता माता प्रसाद पांडेय को 1,74,778 वोट मिले थे। वहीं पीस पार्टी के मुखिया डॉ. मोहम्मद अयूब को 99,242 और कांग्रेस के वसुन्धरा सिंह को 88,117 वोट मिले थे।

यहां जानें डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र के बारे में


  • डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन संख्या 60 है।
  • यह लोकसभा क्षेत्र 1952 में अस्तित्व में आया था।
  • इस लोकसभा क्षेत्र का गठन सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़, कपिलवस्तु, बांसी, इटवा और डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर किया गया है।
  • डुमरियागंज लोकसभा के 5 विधानसभा सीटों में से दो-दो पर भाजपा व सपा और 1 पर अपना दल (सोनेलाल) का कब्जा है।
  • यहां कुल 18,85,433 मतदाता हैं। जिनमें से 8,67,324 पुरुष और 10,17,938 महिला मतदाता हैं।
  • डुमरियागंज लोकसभा सीट पर 2019 में हुए चुनाव में कुल 9,85,330 यानी 52.26 प्रतिशत मतदान हुआ था।

डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

डुमरियागंज लोकसभा सीट का इतिहास बेहद ही शानदार रहा है। लोकसभा चुनाव में यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई और अंतरराष्ट्रीय स्तर की पत्रकार सीमा मुस्तफा जैसी शख्सियत हार चुकी हैं। जबकि दो-दो बार दोनों हस्तियां मैदान में उतरी। दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। डुमरियागंज लोकसभा सीट से केवल रामपाल सिंह ही ऐसे नेता रहे हैं, जिनको तीन बार संसद में बैठने का मौका मिला है। इनके अलावा स्व. काजी जलील अब्बासी, स्व. बृजभूषण तिवारी को दो बार जीत मिली है। तीसरी बार काजी जलील अब्बासी को 1989 में हैट्रिक लगाने का मौका मिला, लेकिन उन्हें जनता दल के उम्मीदवार रहे स्व. बृजभूषण तिवारी के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

आजादी के बाद 1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस के केशव देव मालवीय पहले संसद चुने गए। इसके बाद से 1957 में कांग्रेस से रामशंकर लाल सांसद चुने गए। फिर 1962 के चुनाव कृपा शंकर सांसद बने। लेकिन 1967 के चुनाव में यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई और जन संघ के नारायण स्वरूप शर्मा सांसद बने। फिर 1971 के चुनाव में तेल मंत्री के रूप में प्रसिद्ध पूर्व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री केशव देव मालवीय ने यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर वापसी करवाया और मंत्री पद से सुशोभित हुए। इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनाव में जनता दल से माधव प्रसाद त्रिपाठी सांसद बने। फिर 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां वापसी की और काजी जलील अब्बासी सांसद बने। उन्होंने इस जीत को 1984 में दोहरा दिया। लेकिन 1989 के चुनाव में समाजवादी नेता बृजभूषण तिवारी ने जनता दल के टिकट पर जीत दर्ज की। 90 के दशक में चल रहे राम लहर का असर यहां भी दिखा और भाजपा के टिकट पर रामपाल सिंह ने 1991 के चुनाव कमल खिला दिया। 1992 में मुलायम सिंह यादव ने सपा की स्थापना की और 1996 के चुनाव में बृजभूषण तिवारी ने इस सीट पर साइकिल दौड़ा दिया। लेकिन 1998 के चुनाव में भाजपा के रामपाल सिंह ने वापसी की और 1999 में यह जीत बरकार रखा। लेकिन 2004 के चुनाव में बसपा ने यहां खाता खोल दिया और मोहम्मद मुकीम सांसद बने। 2009 के चुनाव में यूपी के एक दिन के मुख्यमंत्री रहे और कांग्रेस के दिग्गज नेता जगदंबिका पाल के चेहरे पर यहां की जनता रिझ गई और उनको संसद भेज दिया।

डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र का जातीय समीकरण

डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पिछड़ा वर्ग के सर्वाधिक 40 प्रतिशत मतदाता हैं। पिछड़ों के बाद 29.50 प्रतिशत मुसलमान मतदाता हैं। 18 प्रतिशत ब्राह्मण और इतने ही दलित मतदाता भी बताए जाते हैं। इस हिसाब से पिछड़ा वर्ग के मतदाता ही हार-जीत का फैसला करते हैं।

डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

  • कांग्रेस से केशव देव मालवीय 1952 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से राम शंकर लाल 1957 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से कृपा शंकर 1962 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनसंघ से नारायण स्वरूप शर्मा 1967 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से केशव देव मालवीय 1971 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता पार्टी से माधव प्रसाद त्रिपाठी 1977 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से काजी जलील अब्बासी 1980 और 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • जनता दल से बृजभूषण तिवारी 1989 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से रामपाल सिंह 1991 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • सपा से बृजभूषण तिवारी 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से रामपाल सिंह 1998 और 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • बसपा से मोहम्मद मुकीम 2004 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • कांग्रेस से जगदंबिका पाल 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
  • भाजपा से जगदंबिका पाल 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद चुने गए।
Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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