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Lok Sabha Election: कर्नाटक में मुसलमानों को OBC आरक्षण का लाभ, पिछड़ा आयोग के सवाल पर राज्य सरकार की चुप्पी

Lok Sabha Election: प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी का हक मार कर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है। इस बीच राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपने बयान में खुलासा किया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 24 April 2024 12:19 PM GMT
Benefits of OBC reservation to Muslims in Karnataka, silence of the state government on the question of Backward Commission
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कर्नाटक में मुसलमानों को OBC आरक्षण का लाभ, पिछड़ा आयोग के सवाल पर राज्य सरकार की चुप्पी: Photo- Social Media

Karnataka News: लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपा के कई नेता आरक्षण के मुद्दे पर लगातार कांग्रेस को घेरने की कोशिश में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी का हक मार कर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है। इस बीच राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपने बयान में खुलासा किया है कि कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कहा कि हमने इस मामले पर कर्नाटक सरकार से पूछा था। हमने सवाल किया था कि आखिर किस आधार पर यह कोटा दिया जा रहा है मगर इस मामले पर हमें कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है।

मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण का लाभ

अहीर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कर्नाटक सरकार के नियंत्रण में आने वाली नौकरियों और राज्य के शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण के लिए सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को ओबीसी की राज्य सूची में शामिल किया गया है। कर्नाटक सरकार का पिछड़ा वर्ग विभाग ने इस बाबत राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को लिखित रूप से सूचित किया है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति हैं और न धर्म हैं। कर्नाटक में मुसलमानों की आबादी 12.92 फ़ीसदी है और राज्य में मुसलमानों को धार्मिक अल्पसंख्यक माना जाता है।

अहीर ने अपने बयान में यह भी कहा है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से इस बाबत कर्नाटक सरकार से सवाल पूछा गया था मगर राज्य सरकार की ओर से आयोग के पास कोई स्पष्टीकरण नहीं भेजा गया है।

कर्नाटक सरकार के फैसले की निंदा

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले की निंदा की है। आयोग का कहना है कि पिछड़ी जाति के रूप में मुसलमान का वर्गीकरण सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को कमजोर करता है। धर्म आधारित आरक्षण निश्चित रूप से सामाजिक न्याय की नैतिकता को प्रभावित करने वाला कम है। आयोग ने इस बात पर जोर दिया है कि मुस्लिम समुदाय के भीतर निश्चित रूप से वंचित और लंबे समय से हाशिए पर रहने वाला वर्ग है मगर पूरे धर्म को पिछड़ा मानने से मुस्लिम समाज के भीतर भी विविधता और जटिलताओं की अनदेखी होती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को घेरा

कर्नाटक सरकार के फैसले को भाजपा नेता तुष्टिकरण की नीति बताते हुए कांग्रेस पर हमलावर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी हाल में राजस्थान में अपनी चुनावी रैली के दौरान इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया था। उनका कहना था कि धर्म के आधार पर देश को बांटने वाली कांग्रेस आजादी मिलने के बाद से ही तुष्टिकरण की नीति पर चलती रही है। तुष्टिकरण की इस नीति पर चलते हुए कांग्रेस दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का हक छीनने की साजिश में जुटी हुई है।

भाजपा का कांग्रेस पर तीखा हमला

भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में कर्नाटक सरकार ने पूरे मुस्लिम समुदाय को पिछड़े वर्ग के रूप में वर्गीकृत किया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी कर्नाटक सरकार के इस फैसले की निंदा की है। इसका मतलब साफ है कि मुसलमान अब देश के संविधान का उल्लंघन करते हुए हिंदू ओबीसी के आरक्षण में कटौती करेंगे।

मुसलमानों को आरक्षण देने के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार घिरती जा रही है और चुनावी माहौल में यह मुद्दा गरमाता जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में भाजपा इस मुद्दे को लेकर और हमलावर हो सकती है।

Shashi kant gautam

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