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Election 2024: सैम पित्रोदा ने ऐसा क्या बोल दिया जिससे कांग्रेस बैकफुट पर, पीएम मोदी और बीजेपी हमलावर?

Election 2024: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कांग्रेस पर हमला और तेज हो गया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी उनके बयान के बाद बैकफुट पर आ गई है। सैम पित्रोदा के बयान को कांग्रेस नेता उनका निजी बयान बता रहे हैं।

Rajnish Verma
Written By Rajnish Verma
Published on: 24 April 2024 3:33 PM GMT (Updated on: 24 April 2024 3:34 PM GMT)
Sam Pitroda Statement
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सैम पित्रोदा, सोनिया गांधी और पीएम मोदी (Photo- Social Media)

Election 2024 : लोकसभा चुनाव - 2024 अपने तीसरे चरण के प्रचार-अभियान में पहुंच गया है। राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच जुबानी जंग भी जारी है। भारतीय जनता पार्टी चुनाव में कांग्रेस सहित 'INDI' गठबंधन पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती है। कांग्रेस पार्टी अपने घोषणापत्र पर घिरी नजर आ रही है, इस बीच एक और बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी का कांग्रेस पर हमला और तेज हो गया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी उनके बयान के बाद बैकफुट पर आ गई है। सैम पित्रोदा के बयान को कांग्रेस नेता उनका निजी बयान बता रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के नेता और पीएम नरेंद्र मोदी अपने चुनावी रैलियों में कांग्रेस के घोषणापत्र पर सवाल उठा रहे हैं। पीएम मोदी का आरोप है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति इकट्ठा कर बंदरबांट करेगी। यह विवाद थमा नहीं था, इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिकी विरासत कानून को लेकर बयान दे दिया है, जिसके बाद राजनीति में भूचाल आ गया है। पीएम मोदी ने सैम पित्रोदा के संपत्ति के बंटवारे के बयान जिक्र चुनावी रैली में किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का हिडेन एजेंडा अब सबके सामने आ गया है। कांग्रेस पर चोरी-छिपे यानी पिछले दरवाजे से आमजन की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब तक आप जीवित रहेंगे, तब तक कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी और जब जीवित नहीं रहेंगे, तब आप पर इनहेरिटेंस टैक्स का बोझ लाद देगी। पीएम ने कहा कि अब कांग्रेस का कहना है कि वो इनहेरिटेंस टैक्स लगाएगी, माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी। आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी। कांग्रेस वो भी आपसे लूट लेगी। कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट... जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी।

अमित शाह ने कांग्रेस को लिया निशाने पर

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वरिष्ठ नेता के सैम पित्रोदा के बयान के बाद कांग्रेस पूरी तरह एक्सपोज़ हो गई है। अमित शाह ने कहा कि पहले मनमोहन सिंह ने बयान दिया था कि 'हम देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का मानते हैं', और अब इनके घोषणापत्र बनाने में जिनकी अहम भूमिका है, उनका (सैम पित्रोदा) बयान है कि संपत्ति के बंटवारे पर विचार होना चाहिए। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह सहित बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने सैम पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस पर प्रहार तेज कर दिया है।

कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान का बताया निजी

पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं के प्रहार के बाद कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आ गई है। कांग्रेस पार्टी ने सैम पित्रोदा के बयान को निजी बताया है। कांग्रेस के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख जयराम रमेशा ने कहा कि सैम पित्रोदा मेरे और दुनिया में कई लोगों के लिए एक मेंटर, दोस्त और मार्ग दर्शक हैं। उन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिए हैं। वह पित्रोदा जिन मुद्दों के बारे में बोलने की इच्छा रखते हैं, उन पर स्वतंत्र रूप से अपने विचार रखते हैं और लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपने निजी विचार रखने की आज़ादी है। उन्होंने कहा कि ये जरूरी नहीं सैम पित्रोदा का बयान कांग्रेस के रुख को बयां करते होंगे। उन्होंने कहा कि उनके बयान को सनसनीखेज बनाना पीएम मोदी के दुर्भावना वाले उस चुनावी प्रचार से ध्यान भटकाने की कोशिश है, जो झूठ के सहारे पर है।

सैम पित्रोदा ने दिया था ये बयान

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिकी विरासत कानून की वकालत करके नई बहस छेड़ दी है। सैम पित्रोदा इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बयान दिया था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। इस कानून के अनुसार, अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब उसकी मौत हो जाती है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को दे सकता है। शेष 55 फीसदी संपत्ति सरकार द्वारा हड़प ली जाती है। उन्होंने कहा था कि यह बहुत ही दिलचस्प कानून है।

उन्होंने कहा आगे कहा था कि हालांकि भारत में ऐसा नियम नहीं है। यहां अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और उसकी मौत हो जाती है, तो उसके बच्चों को पूरे 10 अरब मिलते हैं, लेकिन जनता को कुछ भी हासिल नहीं होता है। उन्होंने अमेरिकी विरासत कानून की वकालत करते हुए कहा था कि ऐसे मुद्दों पर बहस होनी चाहिए। यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि आपने संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं तो आपको अपनी कुछ संपत्ति जनता के लिए छोड़ देनी चाहिए।

क्या है विरासत टैक्स

बता दें कि अमेरिका में विरासत टैक्स कानून लागू हैं, लेकिन यह केंद्र स्तर पर नहीं हैं। अमेरिका में विरासत कानून मात्र छह जिलों में ही लागू है। हालांकि इनमें से भी कई राज्यों ने घोषणा करते हुए कहा है कि वह 2025 तक ऐसे कानून को समाप्त कर देंगे। अमेरिका में विरासत टैक्स हर राज्य में अलग-अलग तरह से लागू है, हर जगह अपने-अपने नियम हैं। अमेरिका में ये विरासत कानून जहां लागू होता है, वहां उस धन और संपत्ति पर लगता है, जिसे कोई व्यक्ति मरने के बाद दूसरों के लिए छोड़ देता है। उसकी संपत्ति जिसे मिलती है, उसे विरासत कर का भुगतान करना होता है। इस कानून में भी कई शर्तें लागू होती हैं, जैसे - मृतक कहां रहता था, संपत्ति पाने वाले के साथ उसका क्या रिश्ता है और उसके कितना टैक्स देना चाहिए आदि।

उदाहरण के लिए हम अमेरिका के अयोवा राज्य को ही लेते हैं, यहां विरासत टैक्स 1 से 4 फीसदी तक लगता है। विरासत कानून के मुताबिक, पति-पत्नी, बच्चे, सौतेले बच्चे, माता-पिता, दादा-दादी और पोते-पोतियों को छूट है। इसके अलावा, 500 अमेरिकी डॉलर तक की चैरिटी की छूट भी मिलती है। हालांकि अन्य राज्यों के अपने-अपने नियम हैं। यहां राज्यों में 11 से 16 फीसदी तक टैक्स लगता है। किसी-किसी राज्य में उनके सगे संबंधी भी विरासत टैक्स देते हैं, लेकिन उसकी शर्तें अलग हैं, जैसे 500 या 1000 डॉलर की अधिक की संपत्ति पर आदि।

Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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