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Breakup Yog: कुंडली में कब बनता है लव मैरिज और ब्रेकअप का योग

Love Marriage Breakup Yog: कुंडली में ग्रहों की स्थिति ब्रेकअप का कारण बनती है। जानते हैं कुंडली में ऐसे कौन से ग्रह दोष है, जिससे लव मैरिज नहीं होती है, और ब्रेकअप का योग बनता है....

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 1 May 2024 1:45 AM GMT (Updated on: 1 May 2024 2:30 AM GMT)
Breakup Yog: कुंडली में कब बनता है लव मैरिज और ब्रेकअप का योग
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Breakup Wali Kundali: कहते है जिस व्यक्ति की पर्सनल लाइफ अच्छी है तो उसकी प्रोफेशनल लाइफ भी अच्छी होती है। कुछ लोगों के जीवन में प्यार ही प्यार होता है तो कुछ की शादीशुदा जिंदगी तबाही की ओर जाती है। ऐसा शुक्र के कारण होता है मतलब जीवन में प्रेम को पाने के लिए जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह का अच्छा होना बहुत ही जरूरी होता है, कुंडली में प्रेम सम्बन्धो की बात करें तो इसमें शुक्र, चंद्रमा और मंगल ग्रह की भूमिका रहती है, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शुक्र भोग-विलास और स्त्री कारक ग्रह है। पति-पत्नी, प्रेम संबंध, भोग विलास, आनंद आदि का कारक ग्रह भी शुक्र ही है। शुक्र अनुकूल रहे तो जीवन प्रेम से भर जाता है, जब जातक की कुंडली में शुक्र और मंगल का योग बन जाता है या इनका आपस में कोई संबंध होता है तो ऐसी स्थिति में जातक के जीवन में प्यार की बहार आ सकती है।

कुंडली में कब बनता है प्रेम का योग

ज्‍योतिष शास्‍त्र में कुंडली निर्भर करता है अरेंज मैरिज होगी या लव मैरिज, ये बात भी पूरी तरह से जन्‍मकुंडली में बैठे ग्रहों की स्थिति व चल रही दशा पर निर्भर करती है, कई लोग प्‍यार तो कर लेते हैं लेकिन अपने इस रिश्‍ते को शादी के बंधन में नहीं बांध पाते, बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जिनका रिलेशनशिप शादी तक पहुंच पाता है, ऐसा आपकी कुंडली में बैठे कुछ विशेष ग्रहों और भावों की स्थिति पर निर्भर करता है, कुंडली में पंचम और सप्तम के स्वामी यदि एक साथ आ जाएं तो यह स्थिति भी प्रेम जीवन के लिए सकारात्मक योग बनाती है और आपको अपना प्यार मिलने की संभावना प्रबल होती हैं।

यदि शुक्र की दृष्टि पंचम पर पड़ रही हो या वह चंद्रमा को देख रहा हो तो ऐसी दशा में चुपके-चुपके प्यार बढ़ता है। पंचमेश और एकादशेश का एक साथ बैठना भी कुंडली में प्रबल प्रेम योग का निर्माण करता है| ज्योतिषशास्त्र में “शुक्र ग्रह” को प्रेम का कारक माना गया है। कुण्डली में लग्न, पंचम, सप्तम तथा एकादश भावों से शुक्र का सम्बन्ध होने पर व्यक्ति प्रेमी स्वभाव का होता है। प्रेम होना अलग बात है और प्रेम का विवाह में परिणत होना अलग बात है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पंचम भाव प्रेम का भाव होता है और सप्तम भाव विवाह का। पंचम भाव का सम्बन्ध जब सप्तम भाव से होता है तब दो प्रेमी वैवाहिक सूत्र में बंधते हैं। नवम भाव से पंचम का शुभ सम्बन्ध होने पर भी दो प्रेमी पति पत्नी बनकर दाम्पत्य जीवन का सुख प्राप्त करते हैं।

कुंडली में कब होता लव मैरेज के योग

जन्मकुंडली में लग्न, पंचम, सप्तम भाव व इनके स्वामियों और शुक्र तथा चन्द्रमा जातक के वैवाहिक जीवन व प्रेम संबंधों को समान रूप से प्रभावित करते हैं। लग्न या लग्नेश का सप्तम और सप्तमेश का पंचम भाव व पंचमेश से किसी भी रूप में संबंध प्रेम संबंध की सूचना देता है। यह संबंध सफल होगा अथवा नही, इसकी सूचना ग्रह योगों की शुभ-अशुभ स्थिति देती है।

लग्नेश का पंचम भाव से संबंध हो और जन्मपत्रिका में पंचमेश-सप्तमेश का किसी भी रूप में संबंध हो। शुक्र, मंगल की युति शुक्र की राशि में हो, तोलग्न त्रिकोण का संबंध प्रेम संबंधों का सूचक है। पंचम या सप्तम भाव में शुक्र सप्तमेश या पंचमेश के साथ हो।

जन्मकुंडली में सप्तमेश लग्नेश से कमजोर हो, यदि सप्तमेश अस्त हो अथवा नवांश में नीच राशि में हो तो जातक का विवाह अपने से निम्न कुल में होता है। इसके विपरीत लग्नेश से सप्तमेश बली हो, शुभ नवांश में हो तो जीवनसाथी उच्च कुल का होता है।

जातक की कुंडली में शुक्र और मंगल का योग हो, या इनका आपस में कोई संबंध हो तो ऐसी स्थिति में जातक के जीवन में प्यार की बहार आती है।

कुंडली में कब बनता है ब्रेकअप के योग

कुंडली में राहु, केतु और चंद्रमा की युति बनती है तो लव लाइफ में समस्या आना शुरू हो जाता है। चंद्रमा की वजह से विचार बदलने लगते हैं और हर बात राई का पहाड़ बन जाती है। ऐसी स्थिति में ब्रेकअप बहुत जल्दी हो जाता है। वहीं अगर चंद्रमा कुंडली में छठवें, आठवें और 12वें भाव में कमजोर अवस्था में है तो ऐसी स्थिति में भी ब्रेकअप हो जाता है।

यदि जातक की कुंडलियों में ये योग हों तो प्रेम विवाह नाकामयाब रहता है। दोनों की कुंडली में ग्रहों की ये स्थिति अच्छी नहीं मानी जाती|पंचम भाव अथवा शुक्र पापक्रान्त हों अर्थात पाप ग्रहों के मध्य में हों तो प्रेम विवाह होने में बाधा आती है|

जन्म कुंडली में पंचमेश अथवा प्रेम विवाह कारक ग्रह शुक्र लग्न से छठे, आठवें, बारहवें हों तो प्रेम विवाह नहीं हो पाता अथवा विवाह के पश्चात परेशानियां आती हैं।पंचमेश और सप्तमेश यदि लग्न और चन्द्र से छठे, आठवें या बारहवें भाव में बैठ जायें और शुभ ग्रहों से किसी भी तरह का दृष्टि युति सम्बंध नहीं बनाते हों तो प्रेमियों को अपने लव लाइफ का बलिदान करना पड़ता है|

एकादश भाव पापी ग्रहों के प्रभाव में होता है तब प्रेमियों का मिलन नहीं होता है।यदि लड़के की कुंडली का शुक्र लड़की की कुंडली में राहू के साथ स्थित हो जाये तो लड़के के काम विकृति के कारण विवाह विच्छेद के योग बन सकते हैं।

लड़के की कुंडली का राहू यदि लड़की की कुंडली में शुक्र के साथ स्थित हो तो विवाह विच्छेद या दीर्घकालीन विवाद और विषाद के योग बनेंगे।लव मैरिज के बाद जीवन सही होगा या नहीं इसकी जानकारी के लिए ज्योतिष के जानकार से लेकर समस्या का समाधान कर सकती है।

कुंडली में शुक्र सप्तमेश होकर पीड़ित हों तो ऐसे जातक को अपने लव लाइफ में सफलता नहीं मिलती है। ऐसे जातकों का प्रेम एकतरफा होता है और वे गंभीर रिश्ते में नहीं रह पाते। वहीं अगर राहु और केतु पंचमेश भाव के स्वामी को प्रभावित करते हैं तो अच्छे खासे रिश्तों का बहुत बुरी तरह से ब्रेकअप होता है।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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