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Loksabha Election 2024: यूपी में तीसरे चरण का मतदान कल, मुलायम परिवार समेत बीजेपी के कई दिग्गजों की साख दांव पर

Loksabha Election 2024: यूपी में तीसरे चरण में 10 लोकसभा सीटों पर होने वाले मतदान में कुल 100 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनके भाग्य का फैसला मतदाता कल करेंगे। इस चुनाव में मुलायम परिवार के तीन सदस्यों के अलावा भाजपा सरकार के दो मंत्रियों की साख दांव पर लगी हुई है।

Sandip Kumar Mishra
Published on: 6 May 2024 12:38 PM GMT
Loksabha Election 2024: यूपी में तीसरे चरण का मतदान कल, मुलायम परिवार समेत बीजेपी के कई दिग्गजों की साख दांव पर
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Lok Sabha Election 2024: यूपी में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तीसरे चरण में 10 लोकसभा सीटों पर मतदान होनी है। इन 10 सीटों पर कुल 100 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिनके भाग्य का फैसला मतदाता कल करेंगे। तीसरे चरण का चुनाव और अधिक दिलचस्प है क्योंकि मुलायम परिवार के तीन सदस्यों की साख दांव पर लगी हुई है। इसके बाद यूपी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल के सामने भी जनाधार बटोरने की चुनौती होगी। इन 10 लोकसभा सीटों में संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली शामिल है।

संभल लोकसभा सीट

संभल लोकसभा सीट पर सपा ने जियाउर्रहमान बर्क को टिकट दिया है। भाजपा ने भी अपने पुराने दिग्गज परमेश्वर लाल सैनी को मैदान में उतारा है। पूर्व विधायक सौलत अली हाथी पर सवार होकर चुनावी रण में उतरे हैं। ऐसे में यहां मुकाबला कड़ा हो गया है। यहां बसपा के सौलत सपा के वोटों में सेंध लगा रहे हैं। यहां सैनी, तुर्क और शेखजादा बिरादरी में इस बार तगड़ी चुनावी मशक्कत है।

बरेली लोकसभा सीट

रुहेलखंड की सबसे अहम सीट बरेली में बसपा उम्मीदवार के मैदान से बाहर होने के बाद लड़ाई सीधी जंग में तब्दील है। भाजपा ने आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का टिकट काटकर कुर्मी बिरादरी के ही छत्रपाल गंगवार को मौका दिया है। उधर, सपा के टिकट पर प्रवीण सिंह ऐरन पांचवीं बार भाग्य आजमा रहे हैं। वर्ष 2009 में जीत का सेहरा भी पहना था। आमने-सामने की जंग में ध्रुवीकरण ही जीत की राह आसान बनाएगी। मुस्लिमों का पूरा झुकाव सपा की तरफ है और हिंदू मतों में सेंधमारी जारी है। उधर, भाजपा हिंदू मतदाताओं की एका से जीत की राह तैयार करना चाहती है।

बदायूं लोकसभा सीट

बदायूं लोकसभा सीट पर भाजपा ने पहली बार अपने संगठन के दिग्गज दुर्विजय सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। उधर, सपा ने शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव को टिकट दिया है। वह पहला बड़ा चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा ने मुस्लिम खां पर दांव लगाकर चुनाव को रोचक बना दिया है। बसपा का समीकरण दोनों की राह में रोड़े अटका रहा है।

एटा लोकसभा सीट

एटा लोकसभा सीट पर इस बार का चुनावी दंगल कड़ा देखने को मिल रहा है। पूर्व सीएम कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह भाजपा से हैट्रिक लगाने की आस में फिर से जोर-आजमाइश कर रहे हैं। सपा ने इस बार यादव के बजाय देवेश शाक्य को मैदान में उतारकर नया समीकरण रच दिया। वहीं बसपा ने इरफान को मैदान में उतारकर सपा के गुणा-भाग को पेचीदा बना दिया है।

आंवला लोकसभा सीट

आंवला लोकसभा सीट भाजपा के धर्मेंद्र कश्यप हैट्रिक लगाने के इरादे से फिर से चुनावी रण में उतारा है। वहीं, नीरज मौर्य को मैदान में उतारकर सपा ने मुकाबला कड़ा कर दिया है। यहां मौर्य मतदाताओं की भारी संख्या है। जबकि बसपा के आबिद अली साइकिल की गति को कम करने का काम कर रहे हैं।

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर भाजपा ने दिग्गज राजकुमार चाहर को फिर से मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने रामनाथ सिकरवार पर दांव लगाया है। पार्टी के अलावा सिकरवार अपनी पहचान के दम पर ज्यादा मजबूती के साथ मैदान में हैं। उधर, रामनिवास शर्मा हाथी पर सवार होकर आए हैं। हालांकि शर्मा सक्रिय राजनीति से लंबे समय तक दूर रहे हैं, लेकिन उनका जातीय समीकरण किसी का भी खेल बिगाड़ सकता है।

हाथरस लोकसभा सीट

हाथरस लोकसभा सीट पर भाजपा ने टिकट बदलकर अनूप प्रधान वाल्मीकि को मैदान में उतारा है। उनकी राह रोकने के लिए सपा ने जसवीर वाल्मीकि को चुनावी रण में उतार दिया है। बसपा ने हेमबाबू धनगर को टिकट दिया है। हाथरस लोकसभा सीट सुरक्षित है। ऐसे में यहां मुकाबलों का ताना-बाना कुछ इस तरह बुना गया है कि सभी एक-दूसरे की राह काटते नजर आ रहे हैं।

फिरोजाबाद लोकसभा सीट

फिरोजाबाद लोकसभा सीट भाजपा ने पिछली जीत के बावजूद टिकट बदलकर ठाकुर विश्वदीप सिंह को चुनावी दंगल में उतारा है। सपा ने भी यहां तगड़ा दांव चलते हुए वर्ष 2014 में चुनाव जीते अक्षय यादव को टिकट दिया है। बसपा ने चौधरी बशीर को टिकट देकर जहां सपा को झटका देने की कोशिश की है। साथ ही अलग राह बनाने की भी कवायद की है।

मैनपुरी लोकसभा सीट

मैनपुरी लोकसभा सीट पर मुलायम सिंह यादव की विरासत पर जोर-आजमाइश चल रही है। यहां सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव साइकिल पर सवार होकर चुनावी मैदान में उतरी हैं। उधर, भाजपा ने प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह को चुनावी मैदान में उतार है। वहीं, बसपा ने शिवप्रसाद यादव को मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है। वह दलितों के अलावा यादव मतदाताओं में भी सेंध लगा रहे हैं।

आगरा लोकसभा सीट

आगरा लोकसभा सीट पर 2009 से भाजपा का कब्जा है। 2009 और 2014 में रामशंकर कठेरिया सांसद चुने गए। वहीं 2019 में भाजपा से एसपी सिंह बघेल चुने गए। सपा और बसपा ने जाटव समुदाय के उम्मीदवार उतारे हैं और दोनों ही नए चेहरे हैं। बसपा से पूजा अमरोही उम्मीदवार हैं। वे कांग्रेस की पूर्व राज्यसभा सांसद सत्या बहन की बेटी हैं। सपा ने सुरेश चंद कर्दम को उतारा है। भाजपा ने बघेल को मंत्री बनाकर उनका कद बढ़ाया। उनकी प्रतिष्ठा की असल परीक्षा इस चुनाव में होगी।

Sandip Kumar Mishra

Sandip Kumar Mishra

Content Writer

Sandip kumar writes research and data-oriented stories on UP Politics and Election. He previously worked at Prabhat Khabar And Dainik Bhaskar Organisation.

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